छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर का छठवां स्थापना दिवस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। प्रात: 9 बजे विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने भक्तिभाव से संगीतमय सुंदरकांड पाठ किया। हवन पूजन के तत्पश्चात विश्वविद्यालय के सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय की संरक्षक माननीया श्रीमती कुन्ती देवी जी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महोदय डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने की। मंचासीन अतिथियों में उपकुलगुरू डॉ. गिरीश त्रिपाठी, कुलसचिव श्री विजय सिंह, उपकुलसचिव डॉ. मेघना मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष पचौरी, सलाहकार प्रमुख डॉ. बी.एस. राजपूत एवं फार्मेसी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अमित जैन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का प्रारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुआ। छात्र-छात्राओं ने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना, स्वागत गीत और विश्वविद्यालय गान प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय के उपकुलगुरू एवम् कुलसचिव जी ने सभी मंचासीन अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी दीपक सिंह, कैलाश अहिरवार, मुकेश पाल, प्रमोद अहिरवार, राहुल रिछारिया, रामबहादुर, रमेश पटेल, रवि वंशकर और वैष्णवी राजा ने इस वर्ष अपने विभाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया उनका उत्साहवर्धन कुलाधिपति द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान कर किया गया।
कुलसचिव विजय सिंह ने अपने प्रतिवेदन में विश्वविद्यालय  की स्थापना के 6 वर्षों की विकास यात्रा का चित्रण करते हुए कहा कि श्री कृष्णा विश्वविद्यालय स्थापना वर्ष से ही लगातार शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में अग्रणी रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य हर समय नये आयामों को जोडऩे का प्रयास करते रहते है। इस विश्वविद्यालय में वर्तमान में इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कंप्यूटर, शिक्षा, पुस्तकालय, योगा, कृषि एवं मानविकी सामाजिक विज्ञान, विधिए, फार्मेसी, पैरामेडीकल, संगीत, फिल्म, फाइन आर्ट, फैशन एवं एनीमेशन, कामर्स, विज्ञान, पत्रकारिता, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य विज्ञान एवं विधि संकायों में प्रमाण पत्र, स्नातक और स्नातकोत्तर एवं शोध कार्य संचालित है। विश्वविद्यालय द्वारा देश के अन्य विश्वविद्यालय द्वारा समकक्ष कार्य हेतु करार भी किए गए हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुपाल में कार्यक्रमों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है। विगत वर्षों में प्रबन्धन, इंजीनियरिंग और कृषि संकाय के छात्रों का प्लेसमेन्ट रोजगार मेला द्वारा 5000 से अधिक विद्यार्थियों को रोजगार मुहैया कराया।
उपकुलगुरू डॉ. गिरीश त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कई अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी तथा वेबीनार के आयोजन नियमित रूप से समय समय पर किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में पठन पाठन कार्य के अतिरिक्त एनएसएस व एनसीसी का भी संचालन किया जा रहा है। शिक्षणेत्तर कार्यक्रमों में खेल-कूद एवम् सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया जाता है। हम सभी टीम भावना के साथ दृढ़ संकल्पित होकर इस विश्वविद्यालय को उन्नत बनाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पित है। शिक्षा के प्रति समाज को जाग्रत करना हमारा परम कर्तव्य है समाज में रह रहे सभी व्यक्ति जब शिक्षित होंगे तो समाज, प्रदेश और देश के विकास की गति को एक नया आयाम मिलेगा।
उपकुलसचिव डॉ. मेघना मिश्रा ने कहा कि हमें अपने कार्य के प्रति निष्ठावान होना चाहिए। विश्वविद्यालय में विगत पांच वर्षों में माननीय कुलाधिपित महोदय एवं चैयरमेन महोदय के निर्देशन में प्रशासनिक कार्य सीखेने की दक्षता प्राप्त की। सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी अपने-अपने कार्य का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से करें तो निश्चय ही विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का ही नही, बल्कि देश का अग्रणी विश्वविद्यालय होगा।
विश्वविद्यालय के सलाहकार डॉ. बी. एस. राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा गुणवत्तापूर्ण रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभिप्राय ऐसी शिक्षा से हैं जो विद्यार्थियों में राष्ट्र निर्माण की भावना जाग्रत कर सके तथा विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास में सहायक हो। विश्वविद्यालय के समस्त् विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्याकगण बड़े उत्साह से विश्वविद्यालय को विकास पथ पर ले जा रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा ज्ञान, सदाचार, उचित आचरण, तकनीकी शिक्षा, तकनीकी दक्षता और विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया है। मेरा दृढ संकल्प है कि मैं अपनी अनन्त ऊर्जा श्रेष्ठ कौशलता को देश और समाज के विकास में लगा सकूं। शिक्षा का जीवन स्तर जितना ऊंचा होगा राष्ट्र उतना ही स्वावलंबी होगा। हमारे लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि हमारे इस संकल्प को पूर्ण करने में विश्ववि