छतरपुर। अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद की प्रदेश इकाई का छठवां वार्षिक सम्मेलन जिला मुख्यालय में आयोजित हुआ। तीन दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पधारे स्वामी दयाशंकर कौशिक ने कहा कि हमें स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए धरती माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। बिना प्रकृति की रक्षा से मानव सभ्यता को स्वस्थ एवं समृद्ध नहीं रखाा जा सकता। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व नपाध्यक्ष बोटू जैन ने की। मुख्य वक्ता महाराजा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जेपी राजौरे रहे।
शहर के चौबे तिराहे के पास स्थित नीलांचल प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र में प्रदेश स्तरीय तीन दिवसीय चिकित्सा परिषद की प्रदेश इकाई का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए पूर्व प्राचार्य श्री राजौरे ने कहा कि विज्ञान कभी भी अपने को प्रकृति से ऊपर नहीं समझता। प्राकृतिक चिकित्सा से ही गंभीर बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। एक अन्य वक्ता डॉ. एसआर पाल ने कहा कि पिण्ड तथा ब्रह्माण्ड तत्व का कम ज्यादा होना प्रभाव डालता है। इसलिए इनमें संतुलन आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बोटू जैन ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग से हम अपने समाज को स्वस्थ्य बना सकते हैं। वहीं आयोजनकर्ता डॉ. दिनेश मिश्र ने तीन दिवसीय सम्मेलन की रूपरेखा रखी। समाजसेविका नीलम पाण्डेय, अमित भटनागर, जेपी मिश्र एवं सीधी से आए सजन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिनेश मिश्र ने किया।