बमीठा। सरकार की केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत ढौंढऩ बांध का निर्माण शुरु होने के बाद प्रभावित ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रही है। गुरुवार को ग्राम पंचायत खरियानी, पलकौंहा और सुकवाहा के दर्जनों ग्रामीणों ने ढौंढऩ बांध निर्माण स्थल पर पहुंचकर काम रोक दिया। ग्रामीणों का कहना था कि जब तक उन्हें मिलने वाले मुआवजे की राशि निर्धारित नहीं होगी और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक वे काम नहीं करने देंगे। अगर निर्माण कंपनी ने जबरन काम करने का प्रयास किया तो आंदोलन किया जाएगा।
निर्माण कार्य पर आपत्ति जाहिर करने वाले ग्रामीणों का कहना था कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत ढौंढऩ बांध का निर्माण शुरु होने से जंगली जानवर गांव में पहुंच रहे हैं, जिनकी रोकथाम के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यह जानवर गांव में घुसकर ग्रामीणों और मवेशियों को घायल कर रहे हैं। इसके अलावा कई बार आवेदन, निवेदन के बावजूद प्रभावित ग्रामीणों को मिलने वाली पैकेज राशि (मुआवजा) निर्धारित नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि विस्थापन से पहले उन्हें पैकेज राशि और भूमि प्रदान की जाए। ग्रामीणों ने बताया कि मुआवजा सूची में से प्रशासन स्तर पर पंचायत की सहमति के बिना नाम काटे जा रहे हैं, जो कि गलत है। कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्य में स्थानीय लोगों को रोजगार की प्राथमिकता भी नहीं दी जा रही है। कंपनी बाहर के लोगों तथा उनके वाहनों को काम में लगा रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जब तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं होता तब तक काम शुरु न किया जाए।