दिव्य शक्तियों के जयकारों से गूंज उठा ब्रह्माकुमारीज प्रांगण
छतरपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर के पावन प्रांगण में चैतन्य देवियों की अद्भुत झांकी सजाकर नवदुर्गा के आध्यात्मिक रहस्य को समझाया गया।
इस अवसर पर छतरपुर सेवाकेंद्र संचालिका बीके शैलजा ने कहा कि भारतवर्ष में हम बहुत सारे त्यौहार मनाते हैं और हर एक त्यौहार अपने भारत की गरिमा, अपनी संस्कृति, सभ्यता को दर्शाता है। यहां मनाया जाने वाला हर उत्सव सभी को उमंग उत्साह से भर देता है और हर त्यौहार में किए जाने वाले विधि विधान हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। नवरात्रि का शुभ पावन पर्व जिसको हम बड़े उमंग उत्साह के साथ धूमधाम से और खुशियों के साथ मनाते हैं। यह देवी आराधना का पर्व अपने में दिव्यता धारण करने का पर्व है। देवी मां अर्थात वात्सल्य, शुद्ध सात्विक प्रेम, सर्व के प्रति समदृष्टि, शुभ संकल्प, सात्विक आहार, सद्गति का मार्ग दिखाने वाली जो हमें सिखाती हैं कि हमें भी सर्व आत्माओं के प्रति स्नेह करुणा और अपनेपन की भावना रखते हुए सबको एक सूत्र में बांधने का कार्य करना है और स्वयं को जगत अम्बा की भावना रखकर सर्व के प्रति कल्याण की शुभ भावना और कामना करना है और यही गुण हमें ममतामई मां से अपनाना है और अपने जीवन को दिव्य गुणों से श्रृंगारित करना है।
इस अनुपम चैतन्य झांकी को निहारने और दर्शन करने के लिए छतरपुर नगर के प्रतिष्ठित व्यापारी एवं समाजसेवी छतरपुर गैस एजेंसी से हरगोविंद गंधी, प्रेम नारायण रूसिया, साहित्यकार अवनींद्र खरे, सहित सभी श्रद्धालु जन उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र नन्हे मुन्ने बाल कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और अग्रवाल समाज की मातृशक्तियों के द्वारा गरबा नृत्य की प्रस्तुति रही। इस अवसर पर भाइयों ने भी अपनी भावना व्यक्त करने के लिए माता रानी के दरबार में डांडिया किया और सभी भक्तगण देवियों के दर्शन कर वरदानों से भरपूर हुए।