छतरपुर। 22 जनवरी को श्री राम लला के अयोध्या नगरी में विराजने के साथ ही युवाओं में श्री राम नाम लेखन के प्रति रुचि बढी है। युवाओं का कहना है कि भगवान का नाम लेखन से मन को शांति मिलती है। कुछ युवा कहते हैं की श्री राम नाम लेखन के प्रभाव से उनके जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है। हिंदू उत्सव समिति द्वारा संचालित श्री राम नाम बैंक की निधि 45 करोड़ पहुंच गई है।
हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष पवन मिश्रा ने बताया कि ढाई सैकड़ा से अधिक लोग नियमित श्री राम नाम लेखन कार्य में लगे हैं। छतरपुर में श्री राम नाम बैंक स्थापना के पूर्व श्री राम नाम लेखन करने वाले लोग अन्य स्थानों से पुस्तक खरीद कर यथा संभव श्री राम नाम धन को तीर्थ स्थलों तक पहुंचाते थे लेकिन 13 जनवरी 2021 को छतरपुर में श्री राम नाम बैंक के स्थापित होने से अब लोग यहां श्रीराम नाम धन जमा करते हैं। बैंक से निशुल्क पुस्तक उपलब्ध कराई जाती है और लेखन के बाद उन्हें जमा भी की जाती है । इस समय युवाओं में श्री राम नाम लेखन को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।
श्री राम नाम लेखन से बढ़ती है एकाग्रता
एक युवा हिमांशु अग्रवाल कहते हैं कि श्री राम नाम लेखन करने से उनकी एकाग्रता बढ़ती है। हिमांशु का कहना है कि जब भी समय मिलता है वह श्री राम नाम लेखन कार्य करने लगता है। नाम लेखन से न केवल एक बार भगवान का नाम स्मरण में आता है बल्कि लेखन कार्य से दो से तीन बार नाम स्मरण होता है।
आध्यात्मिक संत श्री राम हर्षण महाराज से मिली नाम लेखन की प्रेरणा
अयोध्यापुरी के आध्यात्मिक संत परम पूज्य श्री राम हर्षण दास महाराज की प्रेरणा से एक अन्य युवा प्रिंस साहू को राम नाम लेखन की रूचि जाग्रत हुई। प्रिंस ने बताया कि वह श्री राम हर्षणदास महाराज जी के बारे में लोगों और संतों के मुख से सुना करता था। प्रिंस को जब से उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त हुई तब से वह श्री राम नाम लेखन के कार्य में जुट गया।
भगवान राम की प्रतिमा की स्थापना के बाद लिखने लगा श्री राम नाम
एक अन्य युवा हर्ष साहू का कहना है कि अयोध्या धाम में जब से राम लला विराजमान हुए तब से उसका मन श्री राम नाम लेखन में लग गया है। श्री राम नाम लेखन से मन को शांति मिलती है और व्यसनों की ओर मन अग्रसर नहीं होता। सनातन धर्म हम सबको सात्विक जीवन जीने का न केवल मार्ग दिखाता है बल्कि इसके लिए प्रेरित करता है।