छतरपुर। किशोर सागर तालाब स्थित ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय छतरपुर थिएटर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इस बार का यह आयोजन हंसी ठहाकों से सराबोर होगा जिसमें मुंबई, चंडीगढ़ और छतरपुर की टीमों के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जिला पर्यटन, पुरातत्व एवं संस्कृति परिषद छतरपुर के तत्वाधान में शंखनाद नाट्य मंच द्वारा इस तीन दिवसीय रंगमंच महोत्सव का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
क्षेत्र में रंगमंच की गतिविधियों को बढ़ावा देने और युवाओं को रंगमंच से जोडऩे उसकी बारीकियां सिखाने और शहर वासियों को दिल्ली, भोपाल की तर्ज पर उत्कृष्ट नाट्य प्रस्तुतियां सामने रखने के उद्देश्य से शंखनाद नाट्य मंच द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है। पिछले वर्ष से इसमें जिला पर्यटन, पुरातत्व एवं संस्कृति परिषद छतरपुर द्वारा अपनी भागीदारी निभाकर इसे और भी ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रयास कलेक्टर संदीप जी आर के मार्गदर्शन में किये जा रहे हैं। इस आयोजन में तीन दिनों में तीन नाटकों की प्रस्तुति की जाएगी।
इन नाटकों की होगी प्रस्तुति
13 जनवरी से शुरू होने वाला यह रंगमंच महोत्सव 15 जनवरी तक चलेगा जिसमें रोजाना शाम 6:30 से नाटकों की प्रस्तुतियां होंगी। मुंबई के कलाकारों द्वारा पहले दिन गीत संगीत से भरपूर नाटक लव बग का मंचन किया जाएगा। इस नाटक में यह संदेश हास्य व्यंग्य के माध्यम से दिया जा रहा है कि किस तरीके से सामाजिक व्यवस्थाएं बदहाल रूप लेती हैं और फिर उसके बाद धीरे-धीरे उनमें परिवर्तन आता है। इस नाट्य प्रस्तुति में मुंबई के कई फिल्म और वेब सीरीज के कलाकार भी शामिल हैं।नाटक के डायरेक्टर जॉली एलएलबी और अन्य फिल्मों में अपना अभिनय दिखा चुके हैं। दूसरे दिन छतरपुर के कलाकारों द्वारा द ग्रेट राजा मास्टर ड्रामा कंपनी नामक नाटक की प्रस्तुति होगी। इस नाटक के माध्यम से दर्शक यह देखेंगे कि किस तरीके से फेमस होने की चाह में एक टेलर मास्टर अपनी ड्रामा कंपनी बनाते हैं और कलाकारों के इधर-उधर भागने पर किस तरह की हास्य परिस्थितिया निर्मित होती हैं। वह सब इस नाटक में देखने को मिलेगा।
 तीसरे और अंतिम दिन की अंतिम प्रस्तुति चंडीगढ़ की सात्विक आर्ट टीम द्वारा की जाएगी। फिल्मिश नाम के इस नाटक में पूरा माहौल आपको 80 के दशक की फिल्मों की याद ताजा कर सकता है। समूह में जुड़े हुए कुछ लोग एक फिल्म बनाने का प्लान करते हैं और उसके बाद वह फिल्म धरातल पर उतरती है लेकिन इसके बाद उनके आइडिया का किस तरीके से मटियामेट होता है यह इस जबरदस्त नाटक के माध्यम से देखने को मिलेगा।