गरीबों को भोजन कराने वाली रसोई पर लटका ताला, सियासी आरोपों के बीच बंद हुई चाचा की रसोई
छतरपुर। छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी द्वारा दो साल पहले जरूरतमंद लोगों को एक रूपए में भरपेट भोजन कराने के लिए शुरू की गई चाचा की रसोई आखिरकार सोमवार से बंद कर दी गई। विधायक आलोक चतुर्वेदी का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी के द्वारा की गई शिकायतों के कारण प्रशासन ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताकर बंद करा दिया है जबकि यह सेवा दो वर्षों से निरंतर चल रही थी इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था। उधर भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह ने कांग्रेस विधायक के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह रसोई भाजपा ने नहीं बल्कि आचार संहिता के कारण प्रशासन ने बंद कराई है।
उधर सोमवार को जब चाचा की रसोई में भोजन करने के लिए पहुंचे गरीबों को पता चला कि रसोई की सेवाएं अस्थायी रूप से चुनाव तक बंद कर दी गई हैं तब कई गरीबों और जरूरतमंद लोगों ने प्रशासन के इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की। जरूरतमंद लोगों ने कहा कि इस रसोई से कई बेसहारा लोगों को सहारा मिल रहा था इसे बंद करने का फैसला उचित नहीं है। रसोई में पहुंचे नीलेन्द्र कुशवाहा, सुनीता बाई सहित कई लोगों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं द्वारा रसोई बंद कराने का यह फैसला गलत है।