छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय स्तरीय सात दिवसीय युवा उत्सव 2024 का आज शुभारम्भ हुआ। प्रथम दिवस उद्धघाटन सत्र के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम और विशिष्ट अतिथि कुलसचिव विजय सिंह ने माँ सरस्वती देवी की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का प्रारम्भ किया। कार्यक्रम संयोजक श्रीमती सुमेधा राय ने विश्वविद्यालय स्तरीय सात दिवसीय युवा उत्सव की समस्त विधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। चित्रकला प्रतियोगिता की विधाओं का संयोजन डॉ. भक्ति अग्रवाल एवं डॉ. प्रदीप निवोरिया ने किया।
मुख्य अतिथि डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम ने विद्यार्थियों के उत्साह को देखते हुए कहा कि युवा उत्सव युवाओं की प्रतिभा को दिखाने का आनंदकारी उत्सव है, इसमें प्रतिभाग करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हम शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं उन्होंने आगे कहा कि युवावस्था एक आजीवन अनुभव है जो किसी व्यक्ति को आकार दे सकता है। यह निर्भरता का स्तर बनाता है, जिसे विभिन्न सांस्कृतिक दृष्टिकोणों के अनुसार विभिन्न तरीकों से चिन्हित  किया जा सकता है। जीवन के इस चरण में, युवा हमेशा कल्पना या स्वतंत्रता और अपनी प्रतिक्रिया चुनने की शक्ति से प्रेरित होता है। लेकिन यह सब सावधानी से किया जाना चाहिए और हर कदम की योजना बनाई जानी चाहिए। यह बुद्धि और चरित्र के दोहरे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा और उपयुक्त चरण है।
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव विजय सिंह ने कहा कि हम किसी देश के युवाओं के बिना परिवर्तन या प्रगति नहीं कर सकते। हम इस बात के साक्षी हैं कि किसी भी देश के विकास के लिए युवा पीढ़ी की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होती है। किसी भी देश के लिए, किसी भी क्षेत्र में, चाहे वो तकनीकी क्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र, युवाओं की जरूरत होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम किस क्षेत्र में आगे बढऩा चाहते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम युवाओं को इस भूमिका को सही ढंग से निभाने में मदद करें।
युवा उत्सव के प्रथम दिवस पर चित्रकला प्रतियोगिता में रंगोली, कोलाज मेकिंग, पोस्टर मेकिंग, स्मार्ट पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग एवं कार्टूनिंग प्रतियोगिता में निर्धारित थीम पर प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। जिसमें रंगोली (करवा चौथ व दीवाली) कोलाज मेकिंग (लक्ष्मी व गणेश जी) पोस्टर मेकिंग (कृष्ण लीला) पर आधारित रही। निर्णायक मंडल में डॉ.बी.एस.राजपूत, डॉ.आलोक अग्रवाल, डॉ.आशीष कुमार तिवारी, डॉ.केशव सम्राट मोदी और श्रीमती सुमेधा राय की उपस्थिति रही।
चित्रकला प्रतियोगिता की विधाओं में संयोजक के अतिरिक्त सदस्य के रूप में श्रीमती सोनाली सिंह, श्रीमती सत्यवती चौरसिया, गुंजन निगम, रूचि रावत, पूर्ति बुंदेला, श्रीमती भाग्यवती चौरसिया एवं श्रीमती रजनी गुप्ता की प्रमुख भूमिका रही। इस दौरान विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।