वन विभाग की कार्रवाई से ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीणों ने जनसुनवाई में उठाई आवाज, पैतृक जमीन छीनने का आरोप
छतरपुर। जिले के पांच गांवों के ग्रामीणों ने वन विभाग पर उनकी पैतृक कृषि भूमि को जबरन छीनने का आरोप लगाते हुए जनसुनवाई में आवेदन दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आती, बल्कि यह उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, जिस पर कुछ लोगों के घर भी बने हुए हैं। ग्रामीणों ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर अपनी समस्या रखी।
ग्राम उदयपुरा के अनिल अहिरवार ने बताया कि वन विभाग उनकी कृषि भूमि को जबरन अपने कब्जे में ले रहा है। अचानक कार्रवाई कर वन विभाग द्वारा जमीन खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है और मशीनें व ट्रैक्टर तक जब्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जमीन अतिक्रमण की नहीं, बल्कि उनकी पैतृक संपत्ति है, जिस पर पीढिय़ों से खेती की जा रही है। कुछ ग्रामीणों के घर भी इन्हीं जमीनों पर बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग के अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक पहुंचकर जमीन खाली करने का दबाव बना रहे हैं और खेती में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर व अन्य मशीनों को भी उठा ले जा रहे हैं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि यदि उनकी जमीन छीन ली गई तो उनका गुजर-बसर कैसे होगा।