केन-बेतवा लिंक परियोजना के खिलाफ ग्रामीणों में फूटा आक्रोश

किसानों ने विशाल पदयात्रा निकालकर जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
नियमों की अनदेखी और उचित मुआवजा न मिलने से परेशान हैं ग्रामीण
छतरपुर। केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर एक बार फिर किसानों का आक्रोश फूट पड़ा है। परियोजना से प्रभावित क्षेत्रों के किसानों ने जय किसान संगठन के बैनर तले सटई से छतरपुर तक पदयात्रा निकाली। किसानों का आरोप है कि इस परियोजना में कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी की जा रही है और पर्यावरणीय क्षति का भी पर्याप्त आकलन नहीं किया गया।
किसान नेता अमित भटनागर के नेतृत्व में निकली पदयात्रा की शुरुआत सटई में एक किसान पंचायत के साथ हुई थी और मंगलवार की दोपहर यह यात्रा छतरपुर कलेक्ट्रेट पहुंची। कलेक्ट्रेट पहुंचकर किसानों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम अखिल राठौर को ज्ञापन सौंपा गया। इस पदयात्रा में सुरई, खरयानी, ढौंढऩ सहित अन्य गांवों के सैकड़ों किसान शामिल हुए। किसानों का कहना था कि प्रभावित गांवों में ठोस सर्वेक्षण नहीं हुआ है और सिर्फ कागजों पर दिखावा किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी किसानों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं हुई, तो वे आंदोलन तेज करेंगे। किसानों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया था।
यात्रा के संयोजक अमित भटनागर ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना किसानों के शोषण और फर्जी ग्राम सभाओं का प्रतीक बनती जा रही है। परियोजना से पन्ना और छतरपुर जिले के जो 26 गांव प्रभावित हो रहे हैं, वहां न ठीक से सर्वे किया गया है और न ही उचित मुआवजा दिया जा रहा है। प्रशासन की ओर से सिर्फ झूठे आश्वासन मिल रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है। पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है, जबकि यह कानून विस्थापितों के अधिकारों की रक्षा हेतु बना था। उन्होंने कहा कि सर्वे प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है, जो कि उचित नहीं है। पुनर्वास, मुआवज़ा और पुनव्र्यवस्थापन के कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश अब तक ग्रामीणों को नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कलेक्टर किसानों की बात को समझेंगे और उनके साथ बैठक कर समाधान निकालेंगे। ज्ञापन के माध्यम से सभी प्रभावित गांवों में दोबारा निष्पक्ष सर्वे करवाने, किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने, परियोजना से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोककर वैकल्पिक समाधान निकालने और ग्राम सभाओं का आयोजन कर किसानों की राय व सहमति के आधार पर परियोजना को आगे बढ़ाने जैसी मांगें की गई हैं।
समाजवादी पार्टी ने दिया समर्थन
किसानों की इस पदयात्रा को समाजवादी पार्टी ने भी खुलकर समर्थन दिया है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव, जिलाध्यक्ष कपूर सिंह यादव सहित पार्टी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और किसानों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा कि यह योजना किसानों की जमीन छीनने की योजना बन चुकी है। मैं खुद प्रभावित गांवों में गया हूं, किसानों को उनके घर और जमीनों का 15 से 25 हजार का मुआवजा देकर छलावा किया जा रहा है, यह अन्याय है। उन्होंने कहा कि पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन आज तक किसानों को न्याय नहीं मिला।