12 घंटे हुआ मतदान, फिर भी लगी रहीं कतारें, धीमे मतदान के कारण कई लोग बगैर वोट डाले लौटे
छतरपुर। प्रशासन ने इस बार मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए। एक ही मतदान केन्द्र पर परिवार के सभी सदस्यों के नाम दर्ज कराए गए। मतदान केन्द्रों की दूरी घटाई गई, मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक रखा गया जबकि मतदान शाम 7 बजे तक चलता रहा इसके बावजूद प्रशासन को मतदान प्रतिशत बढ़ाने में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। जिले का मतदान प्रतिशत 70 फीसदी के आसपास ही रहा जो कि पिछले चुनावों की तरह ही है। इसकी सबसे बड़ी वजह मतदान प्रक्रिया का धीमा होना बताया गया। कई जगह इतनी लंबी लाईनें लगी रहीं कि लोग कतारें देखकर वापस लौट गए।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिले के 150 से अधिक मतदान केन्द्रों को महिलाओं को समर्पित करते हुए सखी मतदान केन्द्र बनाया गया था। खासतौर पर इन मतदान केन्द्रों में लंबी लाईनें लगी रहीं क्योंकि महिला कर्मचारियों की धीमी रफ्तार के कारण वोट डालने में लोगों को काफी समय लगा। कुल मिलाकर मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के सारे प्रयास नाकाफी साबित हुए। कई स्थानों पर मतदाताओं की संख्या अधिक होने के बावजूद सिर्फ एक केन्द्र ही खोला गया जिससे भी मतदाताओं को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा।