अमृत भारत स्टेशन की छत से टपक रहा पानी

बारिश ने खोली निर्माण की पोल, छत को तिरपाल से ढकने की कोशिश
हरपालपुर। नगर का रेलवे स्टेशन, जिसे अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया था, बारिश में अपनी गुणवत्ता की पोल खोल रहा है। स्टेशन की छत से रिसता पानी और रिजर्वेशन व टिकट काउंटर में जलभराव ने यात्रियों को परेशान कर रखा है। निर्माण की खामियों को छिपाने के लिए काली तिरपाल से छत ढकने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि डीआरएम के निर्देश पर चार सदस्यीय टीम ने जांच कर खामियों की पुष्टि की और निर्माण एजेंसी को सुधार के लिए दो-तीन दिन का समय दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक झांसी रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले हरपालपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत किया गया था लेकिन महज एक साल में ही यह बदहाल हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी 2024 को इसका वर्चुअल उद्घाटन किया था। मंगलवार को हुई बारिश ने स्टेशन की छत और दीवारों से पानी रिसने की तस्वीरें उजागर कीं। रिजर्वेशन काउंटर, जनरल प्रतीक्षालय, और टिकट काउंटर के बाहर पोर्च क्षेत्र में पानी टपकने से यात्रियों को भारी असुविधा हुई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कंट्रक्शन कंपनी के घटिया काम को छिपाने के लिए छत को काली तिरपाल से ढका जा रहा है।
डीआरएम की जांच में उजागर हुईं खामियां
हालांकि शिकायतों के बाद डीआरएम के निर्देश पर सीनियर डीईएन के नेतृत्व में चार सदस्यीय तकनीकी टीम ने सोमवार को स्टेशन का निरीक्षण किया। जांच में फाइबर शीट्स के जोड़ों में लापरवाही और सीलिंग की कमी को रिसाव का कारण पाया गया। सर्कुलेटिंग क्षेत्र में भी जलजमाव की समस्या सामने आई। निर्माण एजेंसी को दो-तीन दिन में खामियां दूर करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। कंट्रक्शन कंपनी ने मजदूरों के साथ छत पर तिरपाल और फाइबर शीट्स के जोड़ों पर काली टेप लगाकर रिसाव रोकने का काम शुरू किया है। स्थानीय लोग और यात्री इस घटना से नाराज हैं और कह रहे हैं कि करोड़ों रुपये की लागत से बनी इस योजना की साख पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जल्दबाजी और लापरवाही के चलते यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।