छतरपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला इकाई ने बुधवार की शाम छतरपुर के पन्ना रोड पर होटल सांई राम में चिकित्सक संवाद समारोह का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय कथाव्यास और जिले के प्रसिद्ध संत पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को आमंत्रित किया गया। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने इस समारोह में चिकित्सक समुदाय को संबोधित करते हुए उन्हें तनाव मुक्ति, शांतिपूर्ण जीवनशैली और ज्ञान-विज्ञान के संयुक्त महत्व पर जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि प्राय: ऐसा मान लिया जाता है कि ज्ञान के मार्ग पर चलने वाले विज्ञान के विरोधी होते हैं और विज्ञान के मार्ग पर चलने वालों को धर्म ज्ञान और आध्यात्म पर भरोसा नहीं करना चाहिए लेकिन यह मानसिकता गलत है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और विज्ञान एक-दूसरे के पूरक हैं, दोनों ही यात्राओं में व्यक्ति अपने-अपने अनुभव से वास्तविक सत्य तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि जैसे ऐलोपैथी और होम्यापैथी व आयुर्वेद अलग-अलग पैथियां हैं, इनमें आपसी टकराव है फिर भी ये तीनों उपचार विधियां मनुष्य को स्वस्थ्य करती हैं और तीनों ही वास्तविक हैं। उसी तरह ज्ञान भी वास्तविक है और विज्ञान भी वास्तविक है, इन्हें एक-दूसरे का विरोधी नहीं बल्कि संयुक्त होकर चलना चाहिए ताकि हमारा भारत विश्व गुरू बन सके। उन्होंने कहा कि जान लेना ज्ञान है और जान कर प्रकट कर देना विज्ञान है। इस दौरान डॉक्टरों ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर से अनेक सवाल भी किए, उनके रोचक सवालों के जवाब देते हुए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि हमें अपनी जीवनशैली में मुस्कुराहट के महत्व को समझना चाहिए। उन्होंने डॉक्टरों को सलाह दी कि वे अपने मरीजों से स्नेहपूर्ण व्यवहार करें, उनके व्यवहार से ही बीमारी में आराम लगना शुरू हो जाता है क्योंकि इस बीमारी से दवा की तरह रोगी के भीतर रोग के विरूद्ध लडऩे की क्षमता उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को एक रोगी की मन:स्थिति समझकर उसके कष्ट का निदान करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान आईएमए की ओर से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की देश दुनिया में बढ़ती ख्याति के लिए और छतरपुर का नाम रोशन करने के लिए उनका सम्मान किया गया। उन्हें स्मृति चिन्ह, शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर अनेक डॉक्टरों ने उनका माला पहनाकर भी स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार, डॉ. हृदेश खरे, डॉ. एलएल अग्रिहोत्री, डॉ. केके चतुर्वेदी, डॉ. विकास श्रीवास्तव, डॉ. एसके दीक्षित, डॉ. बीएम चौरसिया, डॉ. एलसी चौरसिया, डॉ. वीके गुप्ता, डॉ. आरएस त्रिपाठी, डॉ. एनपीएन खरे, डॉ. सुषमा खरे, डॉ सुभाष चौबे, डॉ. संगीता चौबे, डॉ. गायत्री नामदेव, डॉ. विजय राठौर, डॉ. निधि खरे, डॉ. अशोक नौगरैया, डॉ. सुनील चौरसिया, डॉ. रचना चौरसिया, डॉ. विनीत पटैरिया, डॉ. अंकुर खरे, डॉ. सुरभि खरे, डॉ. सुरेखा खरे, डॉ. शिवम दीक्षित, डॉ. नेहा, डॉ. अभय, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. मुकुल साहू, डॉ. सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. संजय, धीरेन्द्र गुप्ता, डॉ. भावना, नीरज द्विवेदी, डॉ. उमाशंकर पटेल, डॉ. योगेश त्रिपाठी, डॉ. अरूणेन्द्र शुक्ला, डॉ. पीयूष बजाज, डॉ. आरती बजाज, डॉ. ऋषि द्विवेदी, डॉ. महेश त्रिवेदी, डॉ. रविन्द्र पटेल सहित अनेक डॉक्टर मौजूद रहे।