छतरपुर।पंद्रह वर्ष से अधिक आयु के ऐसे वयस्क जो औपचारिक शिक्षा नहीं ले पाए हैं और औपचारिक शिक्षा लेने की उनकी उम्र निकल चुकी है उनकी असाक्षरता का उन्मूलन करने के लिए उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम की समीक्षा कर अभियान को गति देने के लिए शनिवार को शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल से आए नियंत्रक डॉ.राकेश दुबे के मुख्य आतिथ्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी एम के कौटार्य की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मीडिया प्रभारी अनुपम त्रिपाठी ने बताया कि जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र निगम एवं जिला सह समन्वयक शफीक अहमद द्वारा आयोजित  इस कार्यशाला में जिले के सभी विकास खंडों से विकास खंड सह समन्वयक,संकुल समन्वयक व अक्षर साथी शामिल हुए। कार्यशाला में जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र निगम ने अभी तक हुए कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। और अक्षर पोथी सभी अक्षर साथियों को प्रदान की। कार्यशाला को संबोधित करते हुए नियंत्रक डॉ.राकेश दुबे ने छतरपुर जिले में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत हो रहे कार्यों की सराहना की।गौरतलब है कि विगत फरवरी माह में राजधानी दिल्ली में आयोजित हुए उल्लास मेले में छतरपुर जिले के नौगांव विकास खंड की टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इतना ही नहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नौगांव विकास खंड की अक्षर साथी मांडवी सोनी को सम्मानित भी किया था। इस पर डॉ दुबे ने नौगांव की टीम की सराहना करते हुए बधाई दी। श्री दुबे ने अक्षर साथियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अगर हम अभिभावकों को साक्षर बनाते हैं तो उनकी आने वाली पीढ़ी भी साक्षर होगी।क्योंकि माता पिता पढ़ाई का महत्व समझेंगे और अपने बच्चों को भी शिक्षा दिलाएंगे।
 कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी श्री कौटार्य ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि यह कार्य शिक्षक बनकर नहीं, वरन गुरु बनकर करना पड़ेगा। हमें इस कार्यक्रम के तहत प्रौढ़ों को साक्षर बनाना है, जिनके पास बहुत सी जिम्मेदारियां हैं। कार्यशाला में जिला सह समन्वयक शफीक अहमद ने बताया कि आगामी 15 सितंबर को असाक्षरों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाना है। इसलिए कार्यक्रम से जुड़े सभी कर्मचारी व अक्षर साथी पूरे उत्साह के साथ साक्षर बनाने का कार्य करें।प्रशिक्षण में जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी ने नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करके अभी गतिविधियों के संचालन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अक्षर साथियों को अक्षर पोथी का उपयोग करने का तरीका भी बताया। कार्यशाला में अक्षर साथियों द्वारा तैयार की गई शिक्षण सहायक सामग्री के उपयोग का प्रदर्शन भी किया गया।