छतरपुर। बारिश का मौसम अंतिम चरण में है लेकिन बारिश का पानी जगह-जगह जमा होने के कारण अब मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। यह मच्छर कई तरह की गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं, लिहाजा इससे बचाव की आवश्यकता है। ऐसे में जिला मलेरिया अधिकारी ने जिलेवासियों को मच्छरों से बचाव और बीमार होने पर उपचार के तरीके बताए हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. गौरव खरे ने बताया कि बारिश के मौसम में मच्छरों के बढऩे के साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसमें मलेरिया के अलावा डेंगू, फायलेरिया और चिकनगुनिया आदि शामिल है। डॉ खरे ने बताया कि मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होने वाली गंभीर बीमारी है, जो कभी-कभी जानलेवा साबित होती है। इसमें तेज बुखार और सिर दर्द की शिकायत होती है। उन्होंने बताया कि बरसात के बाद घरों के आसपास जमा पानी में यह मच्छर तेजी से बढ़ते हैं, जिस कारण से उक्त बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बचाव करना आवश्यक है।
करीब 1.5 लाख लोगों की हुई जांच, 38 हजार मच्छरदानी बांटी
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. गौरव खरे ने बताया कि इस वर्ष जिले में 1 लाख 60 हजार लोगों की जांच करने का लक्ष्य विभाग ने तय किया था, जिसमें से 1 लाख 46 हजार जांचें अभी तक की जा चुकी हैं। जांच में अभी तक मलेरिया के तीन और डेंगू के दो मरीज सामने आए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। डॉ. खरे ने बताया कि पैथोलॉजी की जांच से सामने आने वाले मरीजों को विभाग द्वारा मान्य नहीं किया जाता है, इसके लिए विभाग संबंधित मरीज की स्लाइड बनाकर पुन: जांच करती है, यदि यह जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तभी मरीज को मच्छर जनित बीमारी से ग्रसित माना जाता है। डॉ. खरे ने बताया कि बीमार व्यक्ति की जांच की सुविधा ग्रामीण स्तर के शासकीय अस्पतालों से लेकर सभी अस्पतालों में है, संदेह होने पर तुरंत जांच कराएं। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो घबराएं नहीं, उपचार कराएं।
रोकथाम के लिए किए जा रहे यह उपाय
डॉ. गौरव खरे ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु शासन से प्राप्त निर्देशों के मुताबिक विभाग काम कर रहा है। छतरपुर जिले के बकस्वाहा, बड़ामलहरा और राजनगर क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा अधिक है, जिसके मद्देनजर इन तीनों क्षेत्रों में विभाग द्वारा अभी तक 38 हजार मच्छरदानियों का वितरण किया गया है, साथ ही लोगों से मच्छरों से बचाव की अपील की जा रही है। इसके साथ ही विभाग द्वारा शहरी, कस्बे और ग्रामीण इलाकों में निरंतर मच्छर रोधी दवा का छिड़काव भी कराया जा रहा है। उन्होंने लोगों को सुझाव दिया है कि वे अपने घरों के आसपास पानी इक_ा न होने दें और ज्यादातर समय फुल कपड़े पहनें।